Thursday, September 25, 2025
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Tristan Stubbs: हॉकी स्टार से क्रिकेट Sensation तक का सफर, पिता ने सुनाई मजेदार कहानी

Byline: Shubh Times Sports Desk | 17 अगस्त 2025

Summary: दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर Tristan Stubbs का पहला प्यार क्रिकेट नहीं, बल्कि हॉकी था। उनके पिता Chris Stubbs खुद हॉकी खिलाड़ी रहे और बेटे को उसी राह पर देखना चाहते थे। लेकिन किस्मत ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया का नया सितारा बना दिया।

हॉकी से शुरू हुआ सफर

दक्षिण अफ्रीका के होनहार क्रिकेटर Tristan Stubbs आज दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बचपन में उनका झुकाव हॉकी की ओर था। वे अपने पिता Chris Stubbs की तरह हॉकी में नाम कमाना चाहते थे और बचपन का ज्यादातर समय हॉकी स्टिक और गेंद के साथ बिताते थे।

Chris Stubbs भी एक प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने डिविज़नल लेवल तक खेला। हालांकि वे राष्ट्रीय टीम तक नहीं पहुँच पाए, लेकिन अपने खेल से स्थानीय स्तर पर पहचान बनाई।

पिता की सलाह ने बदली राह

Tristan के पिता को पता था कि हॉकी में करियर अस्थिर और आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। Chris नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी उन्हीं मुश्किलों से गुज़रे। उन्होंने Tristan को क्रिकेट अपनाने की सलाह दी।

Tristan Stubbs ने पिता की बात मानी और क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया। जल्द ही उनकी काबिलियत सामने आई और वे घरेलू क्रिकेट से होते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। आज वे दक्षिण अफ्रीका की T20 टीम और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में Delhi Capitals का हिस्सा हैं।

पिता का सपना, बेटे की सफलता

Chris Stubbs को अफसोस है कि वे कभी दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय हॉकी टीम में नहीं खेल पाए। उन्होंने 90 के दशक में भारत के खिलाफ एक वॉर्म-अप मैच खेला था, जिसमें उनकी टीम साउथर्न ट्रांसवाल भारत से 5-0 से हार गई थी।

Chris का हमेशा सपना था कि उनका बेटा एक दिन देश का प्रतिनिधित्व करे। आज Tristan Stubbs ने उस सपने को साकार कर दिखाया है। वे न केवल दक्षिण अफ्रीका की जर्सी पहन चुके हैं, बल्कि अब IPL के जरिए भारतीय प्रशंसकों के बीच भी लोकप्रिय हो चुके हैं।

हॉकी ने बनाया क्रिकेट का हीरो

Chris Stubbs मानते हैं कि हॉकी ने Tristan को क्रिकेट में निखारने में बड़ी भूमिका निभाई। हॉकी ने उन्हें गेंद पर नियंत्रण, सटीक टाइमिंग और ताकत दी। उनके रिवर्स स्वीप और स्वीप शॉट्स में हॉकी का असर साफ दिखाई देता है।

“Tristan हमेशा क्रिकेट का दीवाना था, लेकिन हॉकी ने उसे और निखारा। उसके शॉट्स में हॉकी की झलक मिलती है।” — Chris Stubbs

बचपन में हॉकी स्टिक और गेंद के साथ खेलने का अनुभव ही आज उनके क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी ताकत साबित हो रहा है।

Stubbs और भारत से जुड़ाव

Tristan Stubbs का IPL सफर भारतीय फैंस के लिए उन्हें और खास बना देता है। Delhi Capitals में खेलते हुए उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और फील्डिंग से सबका दिल जीता है। भारतीय दर्शकों को यह भी दिलचस्प लगता है कि उनके पिता का भारत से जुड़ा एक पुराना किस्सा है।

Chris Stubbs बताते हैं कि भारत के खिलाफ खेला गया वह हॉकी मैच उनके लिए यादगार था। आज वही भारत उनके बेटे को खुले दिल से स्वीकार कर रहा है। इस तरह Stubbs परिवार और भारत के बीच एक अनोखा संबंध बन गया है।

निष्कर्ष

Tristan Stubbs की कहानी यह साबित करती है कि कभी-कभी सपने बदलकर भी पूरे होते हैं। हॉकी से क्रिकेट तक का उनका सफर इस बात का सबूत है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। पिता के अधूरे सपने को बेटे ने क्रिकेट के मैदान पर सच कर दिखाया है।

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