Wednesday, September 24, 2025
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ओडिशा में सोने की बड़ी खोज: 10–20 टन तक का भंडार, कई जिलों में मिला खजाना

Byline: Shubh Times Business Desk | 17 अगस्त 2025

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने ओडिशा के कई जिलों में 10–20 टन तक के सोने के भंडार की खोज की है। सरकार अब खनन, नीलामी और स्थानीय विकास की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

कहां-कहां मिला सोना?

GSI की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के देवगढ़ (आदसा-रामपाली), सुंदरगढ़, नबरंगपुर, केonjhar, अंगुल और कोरापुट जिलों में सोने के भंडार मिले हैं।

इसके अलावा मयूरभंज, मलकानगिरी, संबलपुर और बौध जिलों में भी अन्वेषण कार्य जारी है। प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि यहां 10–20 मीट्रिक टन तक सोना मौजूद हो सकता है।

पृष्ठभूमि और संदर्भ

मार्च 2025 में खनन मंत्री बिभूति भूषण जेना ने विधानसभा में इन खोजों की पुष्टि की थी।

हालांकि भारत की तुलना में यह भंडार सीमित है—भारत हर साल 700–800 मीट्रिक टन सोना आयात करता है, जबकि घरेलू उत्पादन मात्र 1.6 टन (2020 तक) है।

फिर भी, यह खोज ओडिशा और देश दोनों के लिए आर्थिक विविधीकरण और खनन विकास का नया रास्ता खोलती है।

सरकार की योजना

  • ओडिशा सरकार और ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (OMC) मिलकर सोने की खनन प्रक्रिया तेज कर रहे हैं।
  • देवगढ़ जिले में पहला गोल्ड माइनिंग ब्लॉक ऑक्शन जल्द होगा।
  • GSI अब G3 स्तर (रिकॉन्नेसेंस) से G2 स्तर (ड्रिलिंग और सैंपलिंग) की ओर बढ़ रहा है।

संभावित आर्थिक प्रभाव

अगर यह भंडार व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य साबित होता है, तो इससे:

  • खनन और परिवहन में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • सोना आयात पर निर्भरता थोड़ी कम होगी।
  • ओडिशा के खनिज निर्यात में और विविधता आएगी।

ओडिशा पहले से ही भारत के 96% क्रोमाइट, 52% बॉक्साइट और 33% आयरन ओरे का उत्पादन करता है।

अगले कदम

  • प्रयोगशाला जांच और खनिज ग्रेड की पुष्टि।
  • तकनीकी समितियों द्वारा व्यावसायिक आकलन।
  • MMDR Act के तहत पारदर्शी नीलामी।
  • पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव आकलन।
  • सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी ढांचे का विकास।

ओडिशा में सोने का यह नया भंडार भारत की खनिज रणनीति में एक अहम योगदान है। हालांकि यह सोने के आयात को पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं कर सकता, लेकिन यह स्थानीय समुदायों और अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसर जरूर पैदा करेगा।

अब सभी की नजर इस बात पर है कि सरकार कितनी तेजी से नीलामी और खनन प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है और क्या यह खोज वाकई ओडिशा के लिए गेम-चेंजर साबित होती है।

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